Ranchi News: झारखंड के चर्चित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद वरीय IAS अधिकारी विनय चौबे को बड़ी राहत मिली है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत ने मंगलवार को उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की। यह फैसला भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 187 (2) के तहत दिया गया।
अदालत ने लगाई कई शर्तें
एसीबी की विशेष अदालत ने जमानत देते समय साफ किया कि विनय चौबे बिना अदालत को सूचना दिए राज्य से बाहर यात्रा नहीं कर सकते। इसके अलावा, उन्हें अपना मोबाइल नंबर ट्रायल के दौरान बदलने की भी अनुमति नहीं होगी। अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी रखी है।
अधिवक्ता की दलील और कोर्ट का फैसला
विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने पैरवी की। उनका कहना था कि गिरफ्तारी के 90 दिनों की कानूनी अवधि पूरी होने के बावजूद जांच एजेंसी ने अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। कानून के मुताबिक, किसी भी मामले में आरोपित को 60 या 90 दिनों के भीतर चार्जशीट पेश किए बिना जेल में नहीं रखा जा सकता। इसी आधार पर अदालत ने चौबे को राहत दी।
तुरंत रिहाई नहीं, एक और केस बना अड़चन
हालांकि, जमानत मंजूर होने के बावजूद विनय चौबे को तुरंत जेल से रिहाई नहीं मिलेगी। वजह यह है कि वे हजारीबाग में जमीन से जुड़े एक अन्य मामले में भी आरोपित हैं। जब तक उस मामले की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, उनकी जेल से बाहर आने की राह आसान नहीं है।
गिरफ्तारी से अब तक का घटनाक्रम
उल्लेखनीय है कि 20 मई 2025 को ACB ने शराब घोटाले से जुड़े मामले में विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। इस बीच राज्य सरकार ने उन पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें निलंबित भी कर दिया है।
घोटाले में प्रशासनिक हलचल
IAS विनय चौबे का नाम इस घोटाले में आने के बाद से प्रशासनिक हलचल तेज हो गई थी। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामले में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। अदालत से मिली राहत उनके लिए अस्थायी राहत है, लेकिन एक और मामले में आरोपित होने की वजह से उनकी स्थिति अभी भी जटिल बनी हुई है।
कोर्ट की सख्त निगरानी
अदालत ने साफ किया है कि चौबे को जमानत का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा। अगर उन्होंने शर्तों का उल्लंघन किया तो जमानत रद्द भी की जा सकती है। फिलहाल अदालत की इस सशर्त राहत को उनके लिए बड़ी कानूनी सफलता माना जा रहा है।

