Ranchi News : झारखंड में किसानों को समय पर और उचित दाम पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। पिछले महीने, कृषि निदेशालय को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि कई थोक और खुदरा विक्रेता यूरिया के साथ Subsidy रहित उर्वरकों की टैगिंग कर रहे हैं और उन्हें निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं।
इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, विभागीय मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की के निर्देश पर कृषि निदेशक भोर सिंह यादव ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर अपने-अपने जिलों में उर्वरक विक्रेताओं की सघन जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।
जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई भी विक्रेता उर्वरक को तयशुदा दाम से अधिक कीमत पर बेचता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें लाइसेंस निलंबन से लेकर स्थायी रूप से रद्द करने तक की कार्रवाई शामिल है। साथ ही, उर्वरकों की उपलब्धता, गुणवत्ता, मानकों और बिक्री दर पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे केवल अनुज्ञप्तिधारी (लाइसेंसधारी) विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदें। यह जानकारी संबंधित जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।
इसके अलावा, विभाग ने कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ भी चेतावनी दी है। यदि किसी किसान या आम नागरिक को निर्धारित दर से अधिक दाम पर उर्वरक बेचे जाने, जमाखोरी या किसी तरह की अनियमितता की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत किसान कॉल सेंटर के टोल-फ्री नंबर 1800-123-116 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि किसानों को समय पर और सही कीमत पर उर्वरक उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है। इस सख्त कार्रवाई से न केवल बाजार में अनुशासन आएगा बल्कि किसानों का आर्थिक बोझ भी कम होगा। साथ ही, यह कदम नकली और घटिया उर्वरक की बिक्री पर भी रोक लगाने में मदद करेगा।
इस पूरे अभियान से यह साफ संदेश गया है कि झारखंड सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

