Jharkhand News. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही 11:06 बजे शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और राज्य सरकार के बीच गढ़वा और पलामू में ग्रामीण स्वच्छता मिशन के तहत ई-रिक्शा खरीद में हुए घोटाले को लेकर तीखी बहस देखने को मिली।
विधायक प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि 1.15 लाख रुपये कीमत वाले ई-रिक्शा के लिए 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, और यह खरीद एक गैर-पंजीकृत डीलर से की गई। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की।
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वीकार किया कि गढ़वा में पंचायतों के लिए ई-रिक्शा की खरीद में गड़बड़ी हुई है। जेम पोर्टल के माध्यम से 43 पंचायतों के लिए 104 ई-रिक्शा खरीदी गई थी। वित्तीय अनियमितता की जानकारी मिलने के बाद सरकार ने उड़नदस्ता का गठन कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस पर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह कोई नई जांच नहीं हो रही है, बल्कि यह जांच पहले से ही हो चुकी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और यह जांच मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से कराई जाए।
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि 2 फरवरी 2025 को जांच कमेटी का गठन किया गया था और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
विधायक यादव ने इस पर कहा कि यह सदन जनता का सर्वोच्च मंच है और जनता का हक है कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मुख्य सचिव स्तर से जांच करानी चाहिए और उसके परिणाम सामने लाने चाहिए।
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने फिर कहा कि जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जाएगा और उसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री सुदिव्य कुमार ने अंत में कहा कि फरवरी में जांच का आदेश हुआ था, और अब रिपोर्ट आ चुकी है। वह यह चाहते हैं कि मामले में सदन में कोई हठधर्मिता न हो और लचीलापन अपनाया जाए।
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार को अब कार्रवाई शुरू करनी चाहिए और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए, चाहे वह आज हो, कल हो या परसों हो।
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने इस पर कहा कि यदि किसी भी अधिकारी ने इस मामले को छिपाने की कोशिश की तो सरकार कठोर कार्रवाई करेगी।