India News: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की तबीयत खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान अचानक बिगड़ गई। इसके चलते उन्हें कुवैत के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। वह इस समय डॉक्टरों की निगरानी में हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
यह जानकारी बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा ने मंगलवार को दी, जो कि खाड़ी देशों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, कि हमारे प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बीच में श्री गुलाम नबी आजाद को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। उनकी हालत स्थिर है और वे चिकित्सकीय देखरेख में हैं। उनकी कुछ मेडिकल जांच होनी बाकी है। वहीं दूसरी तरफ गुलाम नबी आजाद ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपनी जानकारी दी और कहा कि अब बेहतर महसूस कर रहा हूं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, कि कुवैत की भीषण गर्मी के कारण मेरी सेहत पर असर पड़ा, लेकिन अल्लाह के करम से अब मेरी हालत में सुधार हो रहा है। सभी जांच के नतीजे सामान्य हैं। आप सभी की दुआओं और चिंता के लिए धन्यवाद, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।
भारत सरकार ने भेजा है विदेश
गुलाम नबी आजाद और बैजयंत पांडा उस सात सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जिन्हें भारत सरकार ने विभिन्न देशों में भेजा है। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचाना है। यहां बताते चलें कि प्रतिनिधिमंडल ने 23 मई को बहरीन और 25 मई को कुवैत का दौरा किया था। इन बैठकों में आजाद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पांडा ने उनकी अनुपस्थिति पर खेद जताते हुए कहा, सऊदी अरब और अल्जीरिया में उनकी उपस्थिति हमें बहुत खलेगी।
कांग्रेस ने भी जताई चिंता
हालांकि अब गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में नहीं हैं, फिर भी पार्टी ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए उनका नाम लिए बिना कहा है, कि यह जानकर चिंता हुई कि पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को मजबूत करने के लिए भेजे गए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य को कुवैत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया था।
आगे की यात्रा पर असर
आजाद की तबीयत बिगड़ने के चलते वे प्रतिनिधिमंडल के साथ सऊदी अरब और अल्जीरिया की आगामी बैठकों में भाग नहीं ले पाएंगे। प्रतिनिधिमंडल इन देशों में विभिन्न राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेगा।

