UP News: गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। 23 वर्षीय मूक-बधिर युवती, जो हाल ही में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई थी, ने बुधवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार सुबह उसका शव घर के अंदर फंदे से लटका हुआ मिला। यह घटना न सिर्फ स्थानीय लोगों में आक्रोश का कारण बनी है, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, 18 अगस्त को यह युवती घर से अचानक लापता हो गई थी। परिजनों का कहना है कि वह अक्सर बिना बताए घर से निकल जाती थी, क्योंकि वह मानसिक रोगी भी थी और दिल्ली में उसका इलाज चल रहा था। उसी दिन वह पास के एक गांव में पहुंच गई, जहां तीन युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता के पिता ने थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
हालांकि, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में बेहद लापरवाही दिखाई। उनका कहना है कि न तो समय पर एफआईआर दर्ज की गई और न ही पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। यही नहीं, पीड़िता की मौत के बाद भी पुलिस ने शव को सम्मानजनक तरीके से नहीं ले जाया, बल्कि एक टेंपो में पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
दूसरी ओर, डीसीपी एसएन तिवारी ने बताया कि शिकायत मिलते ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था और आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस की मदद ली जा रही थी। अब तक कुछ संदिग्धों को चिन्हित कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच पुलिस टीमें गठित की गई हैं। डीसीपी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
इस पूरे मामले ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि पीड़ितों के लिए न्याय पाना अब भी आसान नहीं है। फिलहाल, इलाके में भारी आक्रोश है और परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

