Jharkhand News: गढ़वा जिला अंतर्गत मेराल थाना क्षेत्र के गोंदा गांव में मंगलवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेत के चारों ओर लगाए गए नंगे बिजली तार की चपेट में आने से एक अधेड़ व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान झूमेलवा टोला निवासी 45 वर्षीय नंदू कुशवाहा के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि गोंदा गांव में स्थित एक लाइन होटल के पास नीलगायों से सब्जी की फसल को बचाने के लिए किसानों ने खेतों के चारों ओर पतला लेकिन विद्युत प्रवाहित तार बिछा रखा था। यही तार नंदू कुशवाहा की मौत का कारण बना। घटना के समय नंदू अपने बड़े भाई लोकी महतो के साथ होटल से चाय पीकर घर लौट रहे थे।
लोकी महतो ने घटना के बारे में बताया कि खेत के रास्ते में लगे तार को देखकर वे झुककर पार हो गए, लेकिन नंदू को तार दिखाई नहीं दिया और वह उसमें उलझ गए। तार में करंट प्रवाहित होने के कारण वह वहीं गिर पड़े और तड़पने लगे। लोकी ने तुरंत आसपास से डंडा लाकर तार तोड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और नंदू की मौत हो चुकी थी।
घटना के समय खेत की मिट्टी भीगी हुई थी, क्योंकि सोमवार को बारिश हुई थी। भीगी जमीन के कारण करंट और तेजी से फैला और यह हादसा और भी जानलेवा बन गया।
घटना की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने खेत के चारों ओर इस तरह के खतरनाक बिजली तार लगाने का विरोध करते हुए मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की।
पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस घटना ने क्षेत्र में गहरा शोक और आक्रोश दोनों पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि बिना सुरक्षा उपायों के इस तरह का तार बिछाना पूरी तरह गैरकानूनी और जानलेवा है।

