अपनी भाषा चुनेें :
नई दिल्ली: अगर आप भी जिम जाते हैं या नाश्ते में अंडे खाना पसंद करते हैं, तो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तैर रही ख़बरों ने आपकी चिंता जरूर बढ़ा दी होगी। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर कई ऐसी रील्स वायरल हुईं, जिनमें दावा किया गया कि भारत में बिकने वाले अंडे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी बांट रहे हैं।
प्रोटीन के राजा पर ‘कैंसर’ का कलंक? सरकारी संस्था FSSAI ने दी क्लीन चिट
इन भ्रामक सूचनाओं ने पोल्ट्री इंडस्ट्री और आम जनता के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया था। अब देश की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा संस्था FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने मैदान में उतरकर इन अफवाहों की धज्जियां उड़ा दी हैं।
वैज्ञानिक आधारहीन हैं दावे; पूरी तरह सुरक्षित है भारतीय अंडा
FSSAI ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत के बाजारों में मिलने वाले अंडे खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं। संस्था ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को ‘वैज्ञानिक रूप से आधारहीन’ करार दिया है। अथॉरिटी ने समझाया कि भारत में अंडा उत्पादन के लिए कड़े वैश्विक मानकों का पालन किया जाता है। मुर्गियों के चारे से लेकर उनकी दवाओं तक, हर चीज पर रेगुलेटर की पैनी नजर रहती है। कुछ रिपोर्ट्स में एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल की जो बात कही गई थी, उस पर संस्था ने साफ किया कि प्रतिबंधित एंटीबायोटिक्स का उपयोग भारत में पूरी तरह गैरकानूनी है।
नाइट्रोफ्यूरान का सच: अंतरराष्ट्रीय मानकों के समान हैं भारत के नियम
अंडों में नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स मिलने की खबरों पर तकनीकी स्पष्टीकरण देते हुए FSSAI ने बताया कि भारत में पोल्ट्री फार्मिंग में इसके इस्तेमाल की अनुमति ही नहीं है। अगर प्रयोगशाला में इसके बेहद मामूली अंश मिलते भी हैं, तो वह स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह का जोखिम पैदा नहीं करते। भारत के सुरक्षा मानक यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे विकसित देशों के बराबर कड़े हैं।
अफवाहों से बचें; मुर्गियों के चारे और ब्रांड्स पर भी दी सफाई
रेगुलेटर ने कहा कि अक्सर किसी विशेष बैच या मुर्गियों के चारे में आकस्मिक गड़बड़ी को पूरी इंडस्ट्री की कमी मान लेना गलत है। ऐसी खबरें केवल जनता को गुमराह करने और अनावश्यक भय पैदा करने के लिए फैलाई जा रही हैं। FSSAI ने लोगों को आश्वस्त किया है कि वे बिना किसी डर के अंडे का सेवन जारी रख सकते हैं, क्योंकि यह पोषण का एक सुरक्षित और बेहतरीन स्रोत है। सरकार अब उन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी नजर रख रही है जो जानबूझकर ऐसी भ्रामक जानकारियां फैलाकर लोगों की सेहत के साथ-साथ कारोबार को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

