Jharkhand News: झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए मई की शुरुआत एक नई चुनौती लेकर आ रही है। राज्य में 1 मई 2025 से नई बिजली टैरिफ दरें प्रभावी होंगी, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) द्वारा प्रस्तावित इस बढ़ोतरी को लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने मार्च में जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी की थी।
वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं को 6.65 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। JBVNL ने इसे 8.65 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि आयोग ने इस प्रस्ताव में संशोधन करते हुए दरों में 50 पैसे से लेकर 1 रुपये प्रति यूनिट तक की ही वृद्धि की अनुमति दी है। इसके साथ ही, फिक्स्ड चार्ज जो अब तक 100 रुपये प्रति माह था, उसे बढ़ाकर 120 से 130 रुपये प्रति माह किए जाने की संभावना है।
सबसे ज्यादा असर अधिक उपयोग करने वालों पर
नई दरों का सबसे अधिक असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो 400 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करते हैं। इन उपभोक्ताओं को न तो किसी प्रकार की सरकारी सब्सिडी मिलती है और न ही कोई राहत। ऐसे उपभोक्ताओं को पूरा टैरिफ नई दरों पर ही चुकाना होगा, जिससे उनका मासिक बिजली बिल काफी बढ़ सकता है।
200 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना जारी
हालांकि राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना आगे भी जारी रहेगी। ऐसे में इस सीमा तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर इस टैरिफ वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, 200 से 400 यूनिट के बीच बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 2 से 3 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलती रहेगी। इस वर्ग पर हल्का असर ही देखने को मिलेगा।
घाटे की भरपाई के लिए दरें बढ़ाना जरूरी: JBVNL
JBVNL और राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि पिछले दो वर्षों से बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। इस अवधि में उत्पादन लागत, ट्रांसमिशन, वितरण और बिजली खरीद के खर्चों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। साथ ही विद्युत कंपनियों को भारी आर्थिक घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए दरों में यह संशोधन आवश्यक हो गया था।
जनसुनवाई प्रक्रिया के बाद फैसला
बिजली दरों में वृद्धि का यह फैसला एक प्रक्रियात्मक जनसुनवाई के बाद लिया गया है, जिसमें उपभोक्ताओं, संगठनों और विशेषज्ञों से राय ली गई थी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सभी पक्षों की बातों को ध्यान में रखते हुए टैरिफ प्रस्ताव को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकृति प्रदान की है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बढ़ सकती हैं दरें
बिजली दरों में वृद्धि सिर्फ शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि इन क्षेत्रों में खपत कम और दरें अपेक्षाकृत सस्ती रहती हैं, फिर भी नए टैरिफ के तहत यहां भी फिक्स्ड चार्ज और यूनिट रेट्स में मामूली बढ़ोतरी संभव है।
निगरानी और पारदर्शिता की मांग
बिजली उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों ने नए टैरिफ की पारदर्शिता, बिजली वितरण में सुधार, और नियमित सप्लाई की मांग उठाई है। उनका कहना है कि बढ़े हुए दरों के बदले गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।