India News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के दौरान दो बड़े नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के नाम पर दो-दो वोटर कार्ड मिलने का मामला सामने आया है। चुनाव आयोग ने दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। भारत में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, एक ही चुनाव क्षेत्र या अलग-अलग क्षेत्रों में एक से ज्यादा वोटर कार्ड रखना गैरकानूनी है। दोषी पाए जाने पर जुर्माना या जेल हो सकती है।
ऐसे मामलों से चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। डुप्लीकेट कार्ड के जरिए एक व्यक्ति एक से ज्यादा बार मतदान कर सकता है, जिससे नतीजों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में पंजीकरण से चुनावी रिकॉर्ड में भ्रम पैदा होता है। चुनाव आयोग की वेबसाइट या वोटर हेल्पलाइन ऐप पर जाएं। अपना नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और राज्य डालकर सर्च करें। अगर आपके नाम पर एक से ज्यादा कार्ड हैं, तो उनकी डिटेल स्क्रीन पर दिख जाएगी। अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क करें। उनके पास आपके इलाके के मतदाताओं की पूरी सूची होती है और वे जांच कर सकते हैं।
अगर आपके नाम पर एक से ज्यादा कार्ड दर्ज हैं, तो फॉर्म-7 भरकर उनमें से एक को रद्द करवाएं। यह फॉर्म चुनाव आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या बीएलओ के पास रहता है। तेजस्वी यादव और विजय कुमार सिन्हा की तरह अगर आपका नाम डुप्लीकेट सूची में पाया गया तो आयोग का नोटिस मिल सकता है। जवाब न देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अपनी वोटर आईडी की जानकारी समय-समय पर जांचें और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत सुधार कराएं। लोकतंत्र में वोट का अधिकार केवल अधिकार ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है और इसका सही इस्तेमाल तभी संभव है जब आपका रिकॉर्ड साफ और अद्यतन हो।

