World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ हफ्तों से लगातार खुद को नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बता रहे हैं। उनका दावा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सहित दुनिया के सात बड़े संघर्षों को रुकवाया है। इसी आधार पर वह मानते हैं कि उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलना चाहिए।
लेकिन, सच कुछ और ही है। वॉशिंगटन पोस्ट-इप्सोस द्वारा कराए गए ताज़ा सर्वे में खुलासा हुआ है कि अमेरिका की जनता और यहां तक कि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के आधे से ज्यादा लोग उनके पक्ष में नहीं हैं।
सर्वे में ट्रंप के खिलाफ बहुमत
सर्वे के अनुसार, सिर्फ 22 फीसदी अमेरिकियों ने कहा कि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य हैं। वहीं, 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग इसके खिलाफ खड़े दिखाई दिए। इतना ही नहीं, रिपब्लिकन पार्टी में भी इस मुद्दे पर बंटवारा है। आधे से भी कम यानी 49 प्रतिशत रिपब्लिकन चाहते हैं कि ट्रंप को नोबेल मिले, जबकि 51 प्रतिशत ने साफ कहा कि ट्रंप डिजर्व नहीं करते।
मैक्रों और व्हाइट हाउस का बयान
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने ट्रंप का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने दुनिया भर में दशकों से चले आ रहे संघर्षों को खत्म कर हजारों लोगों की जान बचाई है। उनके मुताबिक, शांति और स्थिरता के लिए ट्रंप ने जितना काम किया है, उतना किसी और नेता ने नहीं किया।
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक शर्त रख दी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार तभी जीत सकते हैं, जब वे गाजा में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष को रोक दें।

