Health News: दीपावली पर पटाखों के उत्सर्जित धुआं और धूल-मिट्टी से देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ जाता है। इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और खासकर फेफड़ों पर इसका बुरा असर पड़ता है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और फेफड़ों की बीमारियों से ग्रस्त लोग इस माहौल में विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।
जब हम प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो सूक्ष्म जहरीले कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ये कण शरीर में सूजन (इन्फ्लेमेशन) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाते हैं, जिससे इम्युनिटी कमजोर होती है और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आयुर्वेद और वैज्ञानिक दावा: हल्दी से बढ़े इम्युनिटी
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि कुछ प्राकृतिक पदार्थ शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है, जो फेफड़ों में सूजन को कम करता है।
विशेष रूप से काली मिर्च के साथ हल्दी का सेवन करक्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाता है, इसलिए हल्दी वाला दूध रात को पीना या खाना बनाते समय हल्दी-काली मिर्च डालना लाभकारी होता है।
गुड़ और विटामिन सी से फेफड़ों को आराम दें
गुड़ आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुधारता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद भी करता है। सर्दी-जुकाम में अदरक के साथ गुड़ चबाना फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।
संतरा, नींबू और आंवला जैसे फल विटामिन-सी के उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो फेफड़ों की कोशिकाओं की सुरक्षा करते हैं और इम्युनिटी बढ़ाते हैं। सुबह आंवला जूस पीना या नींबू पानी में शहद डालकर सेवन करना संक्रमण से बचाव में मदद करता है।
तुलसी, पालक, मेथी और ब्रोकली से भी मजबूत करें फेफड़े
तुलसी प्राचीन काल से फेफड़ों के डिटॉक्स के लिए उपयोग की जाती रही है। अदरक-तुलसी की चाय नियमित पीने से गले को आराम मिलता है और शरीर मजबूत होता है। पालक, मेथी और ब्रोकली बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ई और फोलेट जैसे आवश्यक पोषक तत्त्वों से भरपूर होती हैं, जो फेफड़ों की मरम्मत और क्रियाशीलता को बेहतर बनाती हैं।
सावधानी के साथ प्रदूषण से बचाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दीपावली और उसके बाद के दिनों में प्रदूषण से बचाव के लिए ये उपाय करने चाहिए:
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घर के अंदर रहकर मास्क पहनना
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प्रदूषणमुक्त उत्पादों का उपयोग
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प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट उपकरणों से फेफड़ों की सुरक्षा

