India News: भारत अब ‘अर्बन एयर मोबिलिटी’ के नए युग में कदम रखने जा रहा है। पंजाब के मोहाली स्थित स्टार्टअप नलवा एयरो ने देश की पहली स्वदेशी ईवीटॉल (Electric Vertical Take-Off and Landing) एयर टैक्सी विकसित की है। इस टैक्सी को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से डिज़ाइन ऑर्गेनाइजेशन अप्रूवल (DOA) मिल चुका है। कंपनी 2028 तक दिल्ली-एनसीआर में इसकी वाणिज्यिक उड़ान शुरू करने की योजना बना रही है।
कंपनी के सीईओ कुलजीत सिंह संधू ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान एक मित्र की आपातकालीन चिकित्सा जरूरत ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी। उस समय न हेलीपैड उपलब्ध था, न एयर एम्बुलेंस। तब विचार आया कि क्यों न ऐसी मशीन बनाई जाए जो कहीं से भी उड़ान भर सके और कहीं भी उतर सके।
सिर्फ 10 मिनट में तय होगा घंटों का सफर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले चरण में एयर टैक्सी को दिल्ली-एनसीआर में लाया जाएगा। शुरुआती रूट में आईजीआई एयरपोर्ट से आनंद विहार, नोएडा, गाजियाबाद और पानीपत तक की कनेक्टिविटी शामिल होगी। जहां सड़क से सफर में 1 से 3 घंटे लगते हैं, वहीं एयर टैक्सी केवल 10 से 12 मिनट में यात्रा पूरी कर देगी। अनुमान है कि प्रति व्यक्ति किराया लगभग 500 रुपये हो सकता है, जो मेट्रो और टैक्सी की तुलना में प्रीमियम तो होगा, लेकिन समय की बड़ी बचत करेगा।
ईवीटॉल — हेलिकॉप्टर से 10 गुना शांत, 90% सस्ती
यह एयर टैक्सी पारंपरिक हेलिकॉप्टर से कई गुना अधिक सुरक्षित और किफायती है। इसमें 8 रोटर सिस्टम हैं, जिनमें से दो बंद होने पर भी विमान उड़ान जारी रख सकता है और तीन फेल होने की स्थिति में भी सुरक्षित लैंडिंग संभव है। लागत की बात करें तो जहां हेलिकॉप्टर उड़ाने में लगभग 5 लाख रुपये प्रति घंटा खर्च आता है, वहीं ईवीटॉल की परिचालन लागत उसका मात्र 10 प्रतिशत होगी।
तकनीकी खूबियां और रेंज
नलवा एयरो दो संस्करणों पर काम कर रही है —
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लिथियम आयन बैटरी आधारित मॉडल, जो एक चार्ज में 90 मिनट या 300 किमी तक उड़ सकता है।
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हाइड्रोजन फ्यूल सेल संस्करण, जिसकी रेंज 800 किमी तक होगी।
इसकी बैटरी को फास्ट चार्जर से केवल 50 मिनट में चार्ज किया जा सकेगा।
स्मार्ट बुकिंग और डिजिटल उड़ान नियंत्रण
कंपनी के मुताबिक, एयर टैक्सी को मोबाइल ऐप के जरिए सामान्य टैक्सी की तरह बुक किया जा सकेगा। इसमें एडवांस्ड फ्लाइंग कंप्यूटर, टिल्टिंग प्रपल्शन सिस्टम और बॉक्स-विंग डिजाइन जैसी आधुनिक तकनीक शामिल होगी। विमान का अधिकतम टेक-ऑफ भार 4000 किलोग्राम और पेलोड 1000 किलोग्राम होगा।
देशभर में हो रहे सैंडबॉक्स ट्रायल
वर्तमान में गुजरात और आंध्र प्रदेश में एयर टैक्सी के सैंडबॉक्स ट्रायल साइट तैयार की जा रही हैं, जिनमें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम भी भागीदार है। expertos का मानना है कि यह पहल भारत को विश्व के उन 10 देशों की सूची में शामिल कर देगी, जो अर्बन एयर मोबिलिटी तकनीक में अग्रणी हैं।
यह प्रोजेक्ट भारत के परिवहन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी अध्याय साबित हो सकता है, जो न केवल यात्रा के तरीके को बदल देगा बल्कि देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक बनेगा।

