Public Adda: अक्सर देखा गया है कि जब किसी कपल की ज़िंदगी में पहला बच्चा आता है, तो पति-पत्नी के रिश्ते में धीरे-धीरे दूरी आने लगती है। पहले जहां प्यार, नज़दीकियां और समय साथ बिताने की भावना थी, अब वहां लड़ाइयां, चिड़चिड़ापन और भावनात्मक दूरी दिखाई देती है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के शरीर में ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है। यह हार्मोन मां को बच्चे के प्रति बेहद भावुक बना देता है और अनजाने में वह पति से थोड़ी दूरी बना लेती है। ऐसे में पति खुद को नज़रअंदाज़ महसूस करता है और रिश्ता तनावपूर्ण होने लगता है।
इस स्थिति से निपटने के लिए सबसे जरूरी है कि कपल्स भावनात्मक रूप से जुड़े रहें। हग करना, हाथ पकड़ना, तारीफ करना और प्यार जताना ऐसे छोटे कदम हैं जो रिश्ते में मिठास बनाए रख सकते हैं।
एक बड़ी सामाजिक गलती यह है कि बच्चे की देखभाल सिर्फ मां की जिम्मेदारी मान ली जाती है। जबकि हकीकत यह है कि बच्चे की परवरिश दोनों की साझी जिम्मेदारी है। जब पत्नी दिनभर बच्चे में व्यस्त रहती है और पति सहयोग नहीं करता, तो महिला मानसिक थकान और तनाव की शिकार हो सकती है, जो आगे चलकर डिप्रेशन का रूप ले सकता है।
रात की नींद पूरी न होना, थकावट और संवाद की कमी रिश्ते को और प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि कपल्स अपने लिए भी समय निकालें। जैसे जब बच्चा सो रहा हो, तो साथ में चाय पीना, बातें करना, या कोई मूवी देखना रिश्ता मज़बूत कर सकता है। साथ ही, परिवार के साथ बाहर घूमने की योजना बनाना भी रिश्ते में ताजगी लाता है।