UP News: अब जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सिर्फ पोषण ही नहीं, बल्कि शिक्षा का रंगीन और आनंददायक अनुभव भी मिलेगा। जिले के 455 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों वाले प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में जल्द ही बाल मैत्रिक फर्नीचर लगाया जा रहा है। यह पहल न केवल शिक्षा को मजेदार बनाएगी, बल्कि बच्चों को एक सुरक्षित, सुंदर और प्रेरणादायक वातावरण भी देगी।
बचपन अब मुस्कुराएगा रंगों के साथ
बच्चों को अब पुराने और उबाऊ फर्नीचर पर नहीं बैठना पड़ेगा। इसके बजाय वे नीली, पीली और लाल रंग की टेबल-कुर्सियों पर बैठकर पढ़ाई करेंगे, जो उनके कद और सुविधा के अनुसार डिज़ाइन की गई हैं। यह बदलाव स्कूल को एक घर जैसा माहौल देगा, जहां बच्चा सहज होकर सीख सकेगा।
शिक्षा में गुणवत्ता लाने की दिशा में बड़ा कदम
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा का मानना है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एक सकारात्मक और आकर्षक शैक्षिक माहौल जरूरी है। बाल मैत्रिक फर्नीचर से बच्चों की सीखने की ललक बढ़ेगी, उनकी उपस्थिति में सुधार होगा और वे ज्यादा सुरक्षित और केंद्रित रहेंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के निर्देश पर हो रही पहल
यह पहल महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के दिशा-निर्देश पर की जा रही है, ताकि पूर्व प्राथमिक शिक्षा को बाल-केंद्रित और ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सके। पहले चरण में यह बदलाव 455 को-लोकेटेड केंद्रों में किया जाएगा, फिर इसे जिले के 1828 परिषदीय विद्यालयों तक विस्तार दिया जाएगा।
क्या-क्या होंगे इस बदलाव के असर:
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बच्चों की सीखने में रुचि बढ़ेगी।
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स्कूलों की उपस्थिति में सुधार होगा।
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चोट लगने की संभावना कम होगी।
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एक अच्छा भौतिक माहौल मानसिक विकास को बढ़ावा देगा।
आने वाले समय में क्या होगा:
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सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल मैत्रिक फर्नीचर लगाया जाएगा।
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कक्षाओं की दीवारों को भी रंग-बिरंगे चित्रों से सजाया जाएगा।
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शिक्षकों को पूर्व-प्राथमिक बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।