India News: जम्मू-कश्मीर की क्राइम ब्रांच कश्मीर की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने एक हाई-प्रोफाइल रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामले में बड़ी कार्रवाई की है। यह पूरा मामला सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (सीएटी) श्रीनगर के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का है, जिसमें छह लोगों के खिलाफ 1200 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट श्रीनगर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल की गई।
कैसे पकड़ में आई बड़ी धांधली?
मामला तब बाहर आया जब हॉर्टिकल्चर विभाग ने सीएटी में चल रहे टीए नंबर 4100/2021 में अपने ही दस्तावेजों में भारी बदलाव देखा। जांच में पता चला कि अदालत की कस्टडी में मौजूद फाइलों से पन्ने हटाए गए, नए दस्तावेज जोड़े गए और पूरी तरह फर्जी तरीके से कुछ अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर दिखाने की कोशिश की गई।
जांच में सामने आया कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड पठान मजीद अहमद खान था। उसने सीएटी के तत्कालीन कर्मचारी अनूप मिश्रा के साथ मिलकर रिकॉर्ड को छेड़छाड़ करने की योजना बनाई। दोनों ने मिलकर न सिर्फ पेज बदले, बल्कि नए पन्ने भी जोड़े ताकि फर्जी दस्तावेज असली लगें।
घर से मिली 12 सरकारी विभागों की जाली मुहरें
सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब मजीद खान के घर से दर्जनों असली और नकली सरकारी मुहरें बरामद हुईं। इनमें डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर, तहसीलदार, बीडीओ, प्रिंसिपल, हेड मास्टर और कुल 12 विभागों की मुहरें शामिल थीं।
आरोपियों के मोबाइल फोन की सीडीआर और व्हाट्सऐप चैट ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। चैट में यह भी सामने आया कि अनूप मिश्रा ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया और इस छेड़छाड़ के एवज में मोटी रकम ली।
ईओडब्ल्यू के एसपी के मुताबिक, यह सरकारी रिकॉर्ड और न्यायिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ का बेहद गंभीर मामला है। सभी सबूत अदालत में जमा कर दिए गए हैं और जल्द ही आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।



