रांची। स्कूल भवन या परिसर का यदि व्यवसायिक उपयोग हुआ तो 50 हजार सेे ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम् 2017 के तहत स्कूल, विद्यालय भवन या संरचना या परिसर का उपयोग केवल शिक्षा के उद्देश्य के लिए हाे सकता है। यह बातें 12 अप्रैल 2025 को उप विकास आयुक्त दिनेश यादव ने कही। वह उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों संग महत्वपूर्ण बैठक कर रहे थे। समाहरणालय ब्लॉक-बी स्थित कमरा संख्या-505 में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्हाेंने कहा विद्यालय परिसर में स्थित कियोस्क से पुस्तक या अन्य सामग्री जैसे यूनिफॉर्म, जूते आदि खरीदने के लिए अभिभावकों/छात्रों को बाध्य/प्रेरित नहीं करें। उल्लंघन की स्थिति में 50 हजार से ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना समेत विद्यालय की मान्यता समाप्ति की कार्रवाई की जा सकती है। बैठक में झारखंड गजट के आलोक में प्रत्येक विद्यालय में शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) के गठन के संबंध में सभी को पीपीटी के माध्यम से आवश्यक जानकारी दी गयी। साथ ही, झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के अंतर्गत प्रावधानों की भी विस्तृत व्याख्या की गयी। बैठक में मुख्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज, जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार सहित विभिन्न गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।
शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का निर्देश
उप विकास आयुक्त दिनेश यादव ने उपस्थित गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों को झारखंड एजुकेशनल ट्रिब्युनल एक्ट के तहत विद्यालय और जिला स्तर पर फी कमिटि और अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) का गठन यथाशीघ्र करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा स्कूल जिला एवं विद्यालय स्तर पर बनी शुल्क समिति और अभिभावक शिक्षक संघ के माध्यम से नीतिगत तरीके से नियमाकुल ही शुल्क बढ़ा सकते हैं। इस क्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार द्वारा विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब भी दिया गया। वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने सड़क सुरक्षा से संबंधित आवश्यक जानकारी देते हुए सभी स्कूल प्रबंधन को नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।