Bihar News: बिहार में ग्रामीण विकास की रफ्तार अब सड़कों और पुलों के माध्यम से साफ नजर आने लगी है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए पुल निर्माण को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। खासकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत सबसे अधिक पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।
ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार, बिहार में अब तक 4,415 पुलों की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें से 3,482 पुलों के लिए अनुबंध (एग्रीमेंट) किया जा चुका है और 2,551 पुलों का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। बाकी 931 पुलों पर काम तेजी से जारी है और उनकी निगरानी लगातार की जा रही है।
PMGSY के तहत 2017 पुल स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 1,954 के लिए एग्रीमेंट पूरा हो चुका है और 1,512 पुल बन चुके हैं। वहीं, 442 पुल निर्माणाधीन हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (MMGSY) के अंतर्गत 433 पुलों को मंजूरी मिली, जिनमें 307 के लिए अनुबंध हो गया है और 164 पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
नाबार्ड की मदद से चल रही राज्य योजना के तहत 1,212 पुलों की मंजूरी मिली, जिनमें से 875 पुलों का निर्माण हो चुका है और 278 पर कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम (RRSMY) के तहत 50 पुलों को स्वीकृति मिली है और 16 पर काम शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के तहत 703 पुलों को स्वीकृति मिली है। इनमें से 52 पर काम शुरू हो चुका है।
“पुल विकास का प्रतीक हैं” — मंत्री अशोक चौधरी
राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि “पुल सिर्फ कंक्रीट और स्टील का ढांचा नहीं, बल्कि यह ग्रामीण जनता को विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य से जोड़ने का जरिया है।”
उन्होंने बताया कि अब तक 2,500 से अधिक पुलों का निर्माण यह साबित करता है कि सरकार संवेदनशीलता, प्रतिबद्धता और समयबद्धता के साथ काम कर रही है।

