Public Adda: क्या आपने कभी अपने पैरों या जांघों पर नीली उभरी हुई नसों को देखा है? अगर हां, तो इसे उम्र बढ़ने या थकान का सामान्य लक्षण मानकर अनदेखा न करें। विशेषज्ञों के अनुसार यह संकेत हो सकता है वैरिकोज़ वेन्स का, जो नसों से जुड़ी एक सामान्य लेकिन गंभीर हो सकने वाली समस्या है।
यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब नसों के अंदर मौजूद वाल्व (valves) कमजोर हो जाते हैं। इससे रक्त का प्रवाह उल्टा होने लगता है और खून नसों में इकट्ठा होने लगता है। परिणामस्वरूप, नसों में दबाव बढ़ जाता है और वे सूजकर बाहर उभर आती हैं। यह समस्या अधिकतर पैरों में देखने को मिलती है क्योंकि शरीर का पूरा भार पैरों पर पड़ता है, खासकर तब जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक खड़ा रहता है या शारीरिक गतिविधि कम करता है।
वैरिकोज़ वेन्स महिलाओं में ज्यादा आम है, विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान। गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव और रक्त की मात्रा में वृद्धि के चलते नसों पर दबाव बढ़ जाता है। मोटापा भी इसकी एक प्रमुख वजह है, क्योंकि अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डालता है। इसके अलावा आनुवंशिक कारणों से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो अन्य सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
इसके लक्षणों में शामिल हैं – पैरों में भारीपन, जलन का अहसास, खड़े या चलने पर दर्द, रात को ऐंठन, सूजन, त्वचा पर खुजली और रंग में बदलाव।
हालांकि शुरू में यह केवल सौंदर्य से जुड़ी समस्या लग सकती है, लेकिन यदि इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह त्वचा पर अल्सर, नसों में थक्के जमने, और संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताओं का रूप ले सकती है। कुछ अध्ययनों में यह भी बताया गया है कि वैरिकोज़ वेन्स से पीड़ित लोगों में डिमेंशिया होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
बचाव के लिए जरूरी है कि लोग अपने जीवनशैली में सुधार करें। रोजाना टहलना, लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठना या खड़े न रहना, वजन नियंत्रित रखना, तंग कपड़े और हाई हील्स पहनने से परहेज जैसे उपाय फायदेमंद हो सकते हैं।

