India News: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान ने भाजपा सरकार और संगठन को बैकफुट पर ला दिया है। इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर इसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भाजपा संगठन ने अपने नेताओं को वर्चुअल क्लास के माध्यम से सख्त निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी मुद्दे पर टिप्पणी न समझ आए तो केवल “जय हिंद” कहकर आगे बढ़ जाएं। उन्होंने यह भी चेताया कि अनावश्यक या आपत्तिजनक बयान से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है और इसका राजनीतिक खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है।
इस विवाद की शुरुआत 11 मई को हुई जब विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच से कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर असंवेदनशील टिप्पणी की। इसके बाद विपक्ष ने तीखा विरोध दर्ज कराया और जनता में भी नाराजगी देखी गई। यही नहीं, कोर्ट की सख्ती ने संगठन की मुश्किलें और बढ़ा दीं।
हालांकि विवाद यहीं नहीं रुका। विजय शाह के बयान के बाद भाजपा के अन्य नेता जैसे कि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और विधायक नरेंद्र प्रजापति ने भी विवादित टिप्पणियां कर दीं। इससे पार्टी की छवि पर और गहरा असर पड़ा।
इन घटनाओं के बाद भाजपा ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग आयोजित की, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि नेताओं को बोलने से पहले वरिष्ठों से अनुमति लेनी होगी। यदि कोई नेता मर्यादा लांघता है तो उसे संगठनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग में विजय शाह शामिल नहीं हुए, जो कि खुद विवाद की जड़ बने हैं। वहीं, जिन नेताओं के बयान पहले से चर्चा में हैं, वे इस वर्चुअल क्लास में मौजूद रहे। संगठन का रुख साफ है- अब अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

