Ramgarh News: आदिम जनजाति बिरहोर समाज को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसके तहत बिरहोर परिवारों को जमीन भी आवंटित की जाती है ताकि वे सुरक्षित रूप से बस सकें। लेकिन रामगढ़ अंचल क्षेत्र के छतरमांडू गांव में स्थिति उलट है। यहां बिरहोर समाज के चार परिवारों की आवंटित जमीन पर गांव के ही कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया, जिससे वे परेशानी में पड़ गए हैं।
बुधवार को शोभा बिरहोर, पूर्णिमा बिरहोर, बंधन बिरहोर, गुड़िया देवी, धनी बिरहोर, डुगरु बिरहोर और मनीषा कुमारी सहित कई लोग एसडीओ अनुराग कुमार तिवारी से मिले। उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि जून महीने में जिला प्रशासन ने उन्हें चार-चार डिसमिल जमीन आवंटित की थी। इसका पट्टा भी उन्हें बनाकर दिया गया था। लेकिन गांव के कुछ लोग उन्हें उस जमीन पर कब्जा जमाने नहीं दे रहे हैं।
पीड़ित परिवारों ने बताया कि विवाद करने वालों में कमलेश मुंडा, लकलकवा मुंडा, जागेश्वर प्रजापति और जुगेश मुंडा समेत कई लोग शामिल हैं। इन लोगों ने सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए बिरहोर परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल करने की कोशिश की है।
तत्काल होगी असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई : सीओ
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ अनुराग कुमार तिवारी ने अंचल अधिकारी रमेश रविदास को तत्काल जांच का निर्देश दिया। सीओ ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनी और उन्हें भरोसा दिलाया कि असामाजिक तत्वों पर जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि बिरहोर परिवार को सरकार द्वारा दिए गए अधिकार किसी भी हाल में छीने नहीं जाएंगे।
इस पूरे विवाद ने प्रशासन की जिम्मेदारी को एक बार फिर से रेखांकित कर दिया है कि आदिम जनजातियों के हितों की रक्षा करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

