India News: दीपावली के पांच दिवसीय पर्व का समापन भाई दूज के साथ होता है, जिसे भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना गया है। इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर की रात 8:17 बजे शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:47 बजे समाप्त होगी।
चूंकि त्योहार हमेशा उदया तिथि पर मनाया जाता है, इसलिए भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर को ही शुभ माना गया है। इस दिन तिलक और पूजा का श्रेष्ठ समय दोपहर 12:05 बजे से 2:54 बजे तक रहेगा। इस अवधि में 12:05 से 1:30 बजे तक “शुभ चौघड़िया” और 1:30 से 2:54 बजे तक “अमृत चौघड़िया” रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार अमृत चौघड़िया में तिलक करने से भाई के जीवन में सुख, दीर्घायु और समृद्धि आती है।
भाई दूज की पौराणिक कथा
भाई दूज का संबंध सूर्यपुत्र यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ा है। कथा के अनुसार, यमराज लंबे समय तक अपनी बहन से मिलने नहीं जा सके। यमुनाजी के कई निमंत्रणों के बाद वे कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे। यमुनाजी ने उनका तिलक कर आदरपूर्वक सत्कार किया और स्वादिष्ट भोजन कराया।
प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक और भोजन कराएगी, उसके भाई को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तब से यह दिन यम द्वितीया के रूप में मनाया जाने लगा।
इन राशियों को मिलेगा शुभ फल
इस वर्ष भाई दूज के दिन चंद्रमा का गोचर तुला राशि में होगा, जिससे कुछ राशियों पर विशेष शुभ प्रभाव पड़ेगा।
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मेष राशि: मानसिक शांति और माता-पिता का स्नेह मिलेगा, धन प्राप्ति के योग हैं।
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कन्या राशि: पारिवारिक जीवन में सुख बढ़ेगा, भाई-बहन के संबंध मजबूत होंगे।
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धनु राशि: व्यापार में लाभ और शुभ समाचार मिलने की संभावना है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन बहन को सफेद वस्त्र, मिठाई या चांदी का तोहफा देने से विशेष पुण्य मिलता है और रिश्तों में प्रेम बना रहता है।

