Jharkhand News : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान मंईयां सम्मान योजना की बकाया राशि को लेकर विधानसभा में हंगामा मच गया। रांची विधायक सीपी सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपने अभिभाषण में यह दावा किया था कि मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों को समय पर राशि मिल रही है, लेकिन हकीकत में जनवरी और फरवरी की किस्त अभी तक नहीं दी गई है।
सीपी सिंह ने कहा कि यह सरकार का गलत दावा है, क्योंकि कई लाभार्थियों को योजना की राशि नहीं मिली है। उन्होंने विधवा महिलाओं और विकलांग महिलाओं को योजना का लाभ देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 18 से 50 साल की आयु वर्ग की विधवा महिलाओं को केवल 1000 रुपये की सहायता दी जाती है, जो बहुत कम है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसी महिलाएं जिनका कोई दोष नहीं है, उन्हें योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। यही सवाल उन्होंने विकलांग महिलाओं के लिए भी उठाया और राज्य सरकार से अपील की कि इन महिलाओं को भी मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिया जाए।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सीपी सिंह को नियमावली पढ़ने की सलाह दी। वहीं, मंईयां सम्मान योजना की बकाया राशि के बारे में सवाल का जवाब देते हुए मंत्री चमरा लिंडा ने सदन में कहा कि 15 मार्च तक सभी बकाया किस्तें महिलाओं के खाते में डाल दी जाएंगी। मंत्री ने बताया कि योजना की राशि महिलाओं के खाते में पहुंचनी शुरू हो चुकी है और मार्च माह की किस्तें भी अब से महिलाओं के खातों में भेजी जाने लगी हैं। साथ ही जनवरी और फरवरी के बचे हुए किस्तों का भुगतान भी 15 मार्च तक कर दिया जाएगा।
इस आश्वासन के बाद भी विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी देरी से भुगतान महिलाओं के साथ अन्याय है। सरकार को जल्द से जल्द योजना का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार कई योजनाओं में पिछड़ रही है और समय पर राशि का वितरण नहीं कर पा रही है।