Jharkhand News: न्याय व्यवस्था को आम जनता के लिए सुलभ और त्वरित बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत शनिवार को कोडरमा व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA), कोडरमा द्वारा किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, विभागीय प्रतिनिधि और आम नागरिक शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बाल कृष्ण तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां न्यूनतम खर्च में अधिकतम न्याय संभव है। यह प्रणाली लोगों को शीघ्र, सस्ता और विवाद रहित समाधान उपलब्ध कराती है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 9 बेंचों के माध्यम से 9003 वादों का निपटारा किया गया। इनमें से 1503 मामले न्यायालय में लंबित थे, जबकि 7500 प्री-लिटिगेशन मामले थे, जिनमें मुख्य रूप से बैंक ऋण और अन्य विवाद शामिल रहे।
इस आयोजन की सबसे खास उपलब्धि रही 6 करोड़ 83 लाख 34 हजार 744 रुपये की राजस्व वसूली, जो विभिन्न विभागों और बैंकों के सहयोग से संभव हो पाई। इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची की निगरानी में लोहरदगा से जुड़े राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन को ज़ूम और यूट्यूब लिंक के माध्यम से लाइव देखा गया।
कार्यक्रम में मुंसिफ मिथिलेश कुमार, लीड बैंक मैनेजर निवास कुमार, स्टेट बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक सियाराम यादव के साथ वन, उत्पाद, विद्युत विभागों के पदाधिकारी तथा कई बैंक प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। न्यायालय के कर्मी, पैनल अधिवक्ता, मध्यस्थ, पारा लीगल वॉलेंटियर और भारी संख्या में पक्षकारों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि वैकल्पिक विवाद निपटान प्रणाली (ADR) जैसे मंच समाज को न्यायिक राहत देने में कितने प्रभावी हैं। इस आयोजन ने आम नागरिकों के न्याय तक आसान पहुंच को सुनिश्चित किया।