Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में बिहार के धार्मिक, सांस्कृतिक और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में 24 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें सबसे अहम प्रस्ताव था — मां सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम (सीतामढ़ी) के विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपये की स्वीकृति।
पुनौराधाम बनेगा धार्मिक पर्यटन का केंद्र
सरकार ने घोषणा की है कि पुनौराधाम को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरह विकसित किया जाएगा। इसके तहत धार्मिक, पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा, जिससे राज्य को धार्मिक पर्यटन से आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
कलाकारों को मिलेगा पेंशन
कैबिनेट ने “मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना” को मंजूरी दी है। इसके तहत बिहार के वरिष्ठ, आजीविका संकट से जूझ रहे कलाकारों को ₹3000 मासिक पेंशन दी जाएगी। यह योजना राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
युवाओं के लिए प्रतिज्ञा योजना
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना को भी स्वीकृति मिली है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में 5000 युवाओं को लाभ दिया जाएगा। साथ ही 2026-27 से लेकर 2030-31 तक 1 लाख युवाओं को रोजगार/प्रशिक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गुरु-शिष्य परंपरा को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना” शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 2025-26 में ₹1.11 करोड़ की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कलाओं और ज्ञान की पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरण को प्रोत्साहित करना है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
कैबिनेट ने नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत ₹36.35 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इसका उद्देश्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों से हटाकर प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करना है।
कृषि रोड मैप के तहत बड़ी योजनाएं
राज्य सरकार के चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत कई नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें शामिल हैं:
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एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना के लिए ₹80.99 करोड़
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मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने हेतु ₹30.49 करोड़ की मंजूरी
अन्य प्रशासनिक फैसले
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बिहार विधानसभा सचिवालय में निदेशक राजीव कुमार की संविदा एक साल के लिए बढ़ाई गई
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सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक रमाकांत प्रसाद की सेवाएं 1 वर्ष के लिए बढ़ाई गईं
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पंचायती राज प्रतिनिधियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान की सुविधा दी जाएगी