चैनपुर: झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा एक साल पहले जारी किए गए आदेश के बावजूद, गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड में पंचायत भवनों से अब तक जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय ग्रामीणों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग ने ज्ञापांक संख्या 586 रांची, दिनांक 01/03/2024 को सभी उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया था कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पंचायत भवनों से ही निर्गत किए जाएं। इसी आदेश के अनुपालन में, गुमला उपायुक्त, पंचायत शाखा ने भी ज्ञापांक संख्या 145, दिनांक 02/03/2024 को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह निर्देश जारी किया था।
सरकारी उदासीनता का खामियाजा भुगत रही आम जनता एक ओर सरकार सशक्त पंचायत बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, गुमला जिले के कई प्रखंडों में इस महत्वपूर्ण आदेश का पालन नहीं हो रहा है। पंचायती राज डिजी ग्राम योजना के तहत पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव की तकनीकी सहायता के लिए सीएससी वीएलई (कॉमन सर्विस सेंटर विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) भी प्रतिनियुक्त किए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य लोगों को डिजिटल कार्यों में सहायता प्रदान करना और उन्हें प्रखंड कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाना था।
हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि विभाग के इन निर्देशों का कोई भी पालन करता नजर नहीं आ रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश जारी होने के बावजूद, आज तक इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब या कार्रवाई सामने नहीं आई है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकारी आदेशों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है, जिसका सीधा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंचायत भवनों से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य अविलंब शुरू हो। इससे न केवल लोगों की परेशानी कम होगी, बल्कि सरकार की ई-ग्रामस्वराज, मनरेगा, पीडीआई, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, विश्वकर्मा पंजीकरण, जेईम और अन्य डिजिटल सेवाओं को पंचायत स्तर पर सुचारु रूप से संचालित करने की मंशा भी पूरी होगी।

