Chaibasa News: झारखंड पुलिस को गुरुवार को बड़ी कामयाबी मिली, जब भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 6 पुरुष और 4 महिला नक्सली शामिल हैं। सभी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता के समक्ष हथियार डाल दिए और समाज के साथ जुड़ने का ऐलान किया।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण समारोह में झारखंड सीआरपीएफ आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माइकल राज एस, आईजी एसटीएफ, डीआईजी कोल्हान, डीआईजी स्पेशल ब्रांच और चाईबासा एसपी समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। डीजीपी गुप्ता ने सभी नक्सलियों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया और उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
वांछित नक्सली थे शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोइपाई और दस्ते के सदस्य गार्टी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पूरती, निरसो सीदू उर्फ आशा, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, सावित्री गोप उर्फ फुटबॉल और प्रदीप सिंह मुण्डा शामिल हैं। ये सभी हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, यूएपीए और सीएलए एक्ट के तहत कई गंभीर मामलों में वांछित थे।
डीजीपी का बयान और माओवादी संगठन को झटका
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इसे पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर लगातार नक्सली हथियार छोड़ रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में केवल पश्चिम सिंहभूम जिले से ही 26 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आज का यह कदम माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका साबित होगा और कोल्हान व चाईबासा क्षेत्र में उग्रवाद पर नियंत्रण मजबूत होगा।
पुलिस की अपील
झारखंड पुलिस ने बाकी नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हथियार छोड़कर पुनर्वास योजना का लाभ उठाएँ और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर विकास यात्रा का हिस्सा बनें।

