Ranchi News : रांची के कांके थाना क्षेत्र से जुड़ा एक बड़ा चेक बाउंस मामला सामने आया है, जिसमें कोर्ट ने आरोपी को छह महीने की सादी कैद और ₹30,50,000 का मुआवज़ा देने का आदेश सुनाया है। मामला 2020 का है, जब अरुण कुमार ने अपने परिचित और कारोबारी संबंधों वाले मुनेन्द्र पति त्रिपाठी को जमीन दिलाने के नाम पर ₹30 लाख की रकम दी थी।
शिकायत के अनुसार, आरोपी ने वादा पूरा नहीं किया और न ही पैसा लौटाया। इसके बाद आरोपी ने 28 अप्रैल 2020 को ₹30 लाख का चेक (नंबर 040161) जारी किया, जो 14 जुलाई 2020 को बैंक में जमा किया गया। लेकिन 15 जुलाई 2020 को यह चेक “फंड्स इनसफिशिएंट” (अपर्याप्त धनराशि) के कारण बाउंस हो गया।
कानूनी प्रक्रिया के तहत, 25 जुलाई 2020 को आरोपी को रजिस्टर्ड पोस्ट से कानूनी नोटिस भेजा गया, लेकिन निर्धारित समय में भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद अरुण कुमार ने 2 दिसंबर 2020 को कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देर होने पर अदालत ने देरी को माफ करते हुए समन जारी किया।
27 जून 2022 को आरोपी के खिलाफ आरोप तय हुए और मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। गवाहों और सबूतों से यह साबित हुआ कि आरोपी ने चेक जारी किया था और बैंक से अपर्याप्त धनराशि के कारण वह बाउंस हुआ। सुनवाई के दौरान आरोपी कई बार अदालत में अनुपस्थित रहा, जिससे कार्यवाही में देरी हुई।
आरोपी की गैर-हाज़िरी को देखते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी और 19 जून 2024 को फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि आरोपी को प्रोबेशन का लाभ देने से एनआई एक्ट का उद्देश्य कमजोर होगा।
फैसले में मुनेन्द्र पति त्रिपाठी को 6 महीने की सादी कैद और ₹30,50,000 का मुआवज़ा देने का आदेश दिया गया। यह मुआवज़ा 45 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता को देना होगा, अन्यथा एक महीने की अतिरिक्त सादी कैद भुगतनी होगी। अदालत ने साफ कहा कि आरोपी के देरी करने के तरीके और बार-बार अनुपस्थित रहने से कानून का मकसद प्रभावित नहीं होना चाहिए।

